केंद्रीय बजट 2025-26: टैक्स सुधार की दिशा में सरकार का बड़ा कदम

भारत सरकार ने केंद्रीय बजट 2025 से 26 में आयकर TDS (text detect it source) TCS (text collect it source) और कर छूट के लिए महत्वपूर्ण सुधारो की घोषणा की है। या सुधार न सिर्फ कर देने वाले को राहत देगी बल्कि टैक्स प्रशासन को भी सरल और प्रभावी बनाएगी। इस ब्लॉग में हम टैक्स संबंधित सभी जानकारी को विस्तृत में चर्चा करेंगे पूरी जानकारी के लिए ब्लॉग को अंत तक पढ़े।

आयकर में राहत

नए कर प्रणाली के तहत अगर आपका 12 लाख तक का वार्षिक आय है, तो आपको कोई आयकर नहीं लगेगा। अगर आपका आय इससे ज्यादा होता है, तो स्लैप के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा।केंद्रीय बजट 2025 से 26 में आयकर प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इन बदलाव का सीधा फायदा खासकर के मध्य वर्गी और निम्न मध्य वर्गी टैक्स देने वालों को होगा।

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कर स्लैब में बदलाव

आयकर के स्लैब में संशोधन किया गया है। और ₹500000 तक की आय पर टैक्स छूट जारी रहेगी जिससे टैक्स देने वाले को अधिक राहत मिलेगी। इसके अलावा अधिक आय वाले करदाताओं पर कर दरें भी स्थिर रखी गई है ।जिससे मध्यम वर्ग और उच्च आय वर्ग को अधिक राहत मिल सकेगी।

डिडक्शन की सीमा में वृद्धि

विभिन्न डिडक्शन की सीमा में वृद्धि की गई है जैसे कि पीएफ एनएससी और जीवन बीमा प्रीमियम पर मिलने वाली छूट। इसके अलावा घर के कर्ज पर मिलने वाली छूट में भी बढ़ोतरी की गई है जिस घर खरीदने वाले करदाताओं को विशेष लाभ मिलेगा।

नई कर सुविधाओं का घोषणा

सरकार ने कर प्रणाली को सरल बनाने के लिए कई नई सुविधा प्रदान की है जैसे कि कर डाटा को अपनी आयकर रिटर्न फाइल करने में अधिक सरलता और छूट मिलेगी।

TDS और TCS में सुधार

TDS (text detect at source or TCS tax collect it source करदाताओं के लिए हमेशा एक मुश्किल और समय लेने वाली प्रक्रिया रही है। केंद्रीय बजट 2025 से 26 में इन दोनों प्रक्रियाओं में सुधार की योजना बनाई गई है।

अब कुछ खास परिस्थितियों में टीडीएस की दरों में कटौती की जाएगी जिससे व्यापारियों और सेवा देने वाले को टैक्स रिटर्न जमा करने में कम परेशानी होगी। विशेष रूप से छोटे व्यापारियों को फायदा होगा क्योंकि अब उन्हें अधिक टैक्स डिडक्शन नहीं होगा जिससे उनकी नगदी प्रवाह में सुधार होगा।

टीसीएस की दरों में भी सुधार किया जाएगा जिससे यह अधिक किफायती और पारदर्शी हो सकेंगे जिससे व्यापारियों को व्यापार में टैक्स संग्रहण की प्रति प्रक्रिया में कम समय लगेगा और यह प्रक्रिया अधिक सरल हो सकेगी।

सरकार ने TDS और TCS दोनों प्रक्रियाओं को ऑटोमेटेड करने की योजना बनाइए जिससे कर देने वाले को हर बार टैक्स डिडक्शन के लिए अलग-अलग आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे प्रक्रिया में पपारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जी डीडीक्शन की संभावना कम होगी।

टेक्स छूट और रिटर्न फाइल की समय सीमा में विस्तार

केंद्रीय बजट मैं आयकर रिटर्न फाइल की समय सीमा को बढ़ा दिया गया है। Rashtriy bachat Yojana se 19 August 2024 के बाद कि निकासी अब कर से मुक्त होगी।जिसमें कर देने वाले को अतिरिक्त समय मिलेगा। कर देने का समय सीमा को 2 वर्ष से बढ़कर 4 वर्ष कर दिया गया है।इससे उन्हें अपने रिटर्न सही तरीके से और बिना किसी जल्दी बाजी से भरने का मौका मिलेगा।

सरकार ने आयकर रिटर्न फाइल की अंतिम तिथि को आगे बढ़ा दिया है ताकि कर डाटा अपने सभी दस्तावेज सही तरीके से तैयार कर सके और फाइल कर सके। या फैसला छोटे और मछली व्यापारियों के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है जो अक्सर समय की कमी के कारण सही समय पर रिटर्न नहीं भर पाए थे।

अब आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि के अलावा कर छूट की सीमा भी बढ़ाई गई है इससे करदाताओं को टैक्स बचाने के लिए अधिक समय मिलेगा। इस प्रकार करदाताओं को कर सुधार का लाभ उठाने के अतिरिक्त अवसर मिलेगा।

केंद्रीय बजट 2025 से 26 में किए गए कर सुधारो का उद्देश्य भारतीय कर प्रणाली को और अधिक आसान और पारदर्शी और करदाता के हिजाब से बनाना है। आयकर टीडीएस टीसीएस और रिटर्न फाइलिंग की समय सीमा में किए गए सुधारना केवल करदाताओं को राहत देंगे बल्कि व्यापार और अर्थव्यवस्था के लिए भी एक सकारात्मक कदम साबित होगा।


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