भारत के केंद्रीय बजट 2025-26 ने कृषि और ग्रामीण विकास को केंद्रीय रूप से प्रोत्साहित करने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। इस बजट का उद्देश्य केवल किसानों की आय बढ़ाना नहीं है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाना भी है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, बढ़ी हुई क्रेडिट सीमा, मछुआरों और डेयरी किसानों के लिए ऋण सुविधा, और दालों में आत्मनिर्भरता मिशन जैसी योजनाओं के माध्यम से सरकार कृषि और ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए बढ़ावा दे रही है।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना(PM Dhan Dhanya Krishi Yojana 2025) को केंद्रीय बजट 2025-26 में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को वित्तीय सशक्तिकरण प्रदान करना है, ताकि वे अपने कृषि कार्यों के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।
इस योजना के माध्यम से किसानों को बैंकों से सरलता से ऋण प्राप्त होगा, साथ ही उन्हें बीमा और पेंशन जैसी अन्य सेवाओं का भी लाभ मिलेगा। इससे किसान अपनी कृषि योजनाओं को अच्छे तरीके से क्रियान्वित कर सकेंगे और आर्थिक रूप से मजबूत हो सकेंगे।
इस योजना के तहत किसानों को डिजिटल माध्यम से लेनदेन करने की सुविधा भी मिलेगी, जिससे उनके लिए वित्तीय लेनदेन अधिक पारदर्शी और सुरक्षित हो जाएगा। यह कदम कृषि क्षेत्र में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए है, जिससे किसान समय पर और बिना किसी झंझट के अपनी वित्तीय आवश्यकताएं पूरी कर सकें।
यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना: सरकार किसानों को मुफ्त में दे रही है सोलर पंप, यहाँ से जल्दी करें आवेदन
किसानों के लिए बढ़ा हुआ क्रेडिट
केंद्रीय बजट 2025-26 में किसानों के लिए क्रेडिट की सीमा को बढ़ा दिया गया है, जिससे उन्हें खेती और अन्य कृषि कार्यों के लिए अधिक वित्तीय मदद मिल सके। विशेषकर मछुआरों और डेयरी किसानों को अधिक समर्थन दिया जाएगा।
सरकार ने मछुआरों और डेयरी किसानों के लिए एक विशेष योजना की घोषणा की है, जिसके तहत उन्हें ₹5,00,000 तक का ऋण प्रदान किया जाएगा। यह सस्ती ब्याज दरों पर मिलेगा, जिससे मछुआरे और डेयरी किसान अपने कार्य में और अधिक सुधार ला पाएंगे और अपनी आय को बढ़ा सकेंगे।
किसानों को अब बेहतरीन सुविधाएं मिलेंगी, जिससे वे अपनी कृषि कार्य में उन्नति कर सकेंगे। यह कदम ग्रामीण क्षेत्र में व्यापारियों और छोटे उत्पादकों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है, जो अपने व्यवसाय को वित्तीय सहायता से बढ़ा सकते हैं।
दालों में आत्मनिर्भरता मिशन
केंद्रीय बजट 2025-26 में दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। भारत में दालों का उत्पादन अभी भी अन्य देशों के मुकाबले कम है, जिससे हमें आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। इस बजट में दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष मिशन की घोषणा की गई है।
दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाने के लिए किसानों को खास रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके तहत उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक, और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा, सरकार ने दालों के भंडारण और विपणन नेटवर्क को भी मजबूत करने का निर्णय लिया है, जिससे किसानों को अपने उत्पादों का बेहतर मूल्य मिल सके।
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है, जिससे भारत को दालों के आयात पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और किसानों की आय भी बढ़ेगी।
कृषि और ग्रामीण क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का सुधार
कृषि और ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए बुनियादी ढांचे का सुधार आवश्यक है। केंद्रीय बजट 2025-26 में इस दिशा में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं।
सरकार ने स्मार्ट कृषि को बढ़ावा देने के लिए नई तकनीक के उपयोग की योजना बनाई है, जिससे किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन हासिल हो सकेगा और जलवायु परिवर्तन से भी निपटा जा सकेगा।
इसके अलावा, सशक्त भंडारण और परिवहन प्रणाली के माध्यम से किसानों को अपनी फसल को सही समय और सही मूल्य पर बेचने के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इससे कृषि उत्पादन की बर्बादी कम होगी और किसानों को बाजारों तक पहुंचने में आसानी होगी।
स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार
कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ स्वास्थ्य और शिक्षा पर भी इस बजट में खास ध्यान दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करने के लिए नए क्लीनिक और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की जाएगी, ताकि किसानों और उनके परिवारों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।
इसके अलावा, ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए नई योजनाएं बनाई जाएंगी। डिजिटल शिक्षा के माध्यम से बच्चों को बेहतर शिक्षा का अवसर मिलेगा और भविष्य में उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर मिल पाएंगे।
केंद्रीय बजट 2025-26 ने कृषि और ग्रामीण विकास को एक नई दिशा दी है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, बढ़ा हुआ क्रेडिट, मछुआरों और डेयरी किसानों के लिए विशेष श्रेणी योजनाएं, और दालों में आत्मनिर्भरता मिशन जैसे कदम भारतीय कृषि को मजबूत बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। यदि ये योजनाएं सही तरीके से लागू होती हैं, तो यह भारतीय कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं और देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
नगमा, एक अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें ब्लॉग लिखने में 6 साल का अनुभव है। उनके ब्लॉग ‘व्यापार योजना’ (vyaparyojana.in) पर आपको सरकारी योजनाओं, लाभ और प्रक्रियाओं की सटीक और उपयोगी जानकारी मिलती है। उनके लेखन की सरल शैली और तथ्यात्मक जानकारी पाठकों को जागरूक और लाभान्वित करती है।
Leave a Reply