अगर लगन और मेहनत से कोई भी काम किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है। इस बात की सबसे बड़ी उदहारण है कृष्णा यादव, जिनकी सफलता की कहानी और उनके व्यापार करने के तरीके के बारे में आज हम इस लेख में विस्तार से जानेंगे। उन्होंने मात्र 500 रूपये से व्यापार शुरू करके आज करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी। तो चलिए जानते हैं श्री कृष्णा पिकल कंपनी के संस्थापक कृष्णा यादव के बारे में।
कृष्णा यादव का प्रारंभिक जीवन और संघर्ष
कृष्णा यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। कम उम्र में ही इनकी शादी हो गई और परिवार की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी न होने की वजह से इन्हें अच्छी शिक्षा भी नहीं मिल पाई। कृष्णा के पति गोवर्धन यादव नौकरी किया करते थे पर किसी कारण से उनकी नौकरी छूट गई। फिर उन्होंने कर्ज लेकर गाड़ियों का व्यापार शुरू किया, जिसमें उन्हें बहुत बड़ा नुकसान हुआ और कर्ज चुकाने के लिए उन्हें घर-खेती सब कुछ बेचना पड़ा। चूंकि गांव में इनका अब कुछ भी नहीं बचा था और बच्चे भी पालने थे, इसलिए कृष्णा ने सोचा कि किसी दूसरे शहर जाकर छोटी-मोटी नौकरी कर लेंगे और बच्चे पालेंगे। फिर वे 500 रूपये कर्ज लेकर पूरे परिवार के साथ दिल्ली आ गए। कृष्णा के पति ने दिल्ली में 3 महीने तक नौकरी की तलाश की पर कोई नौकरी नहीं मिली।
श्री कृष्णा अचार की शुरुआत कैसे हुई?
फिर इन्होंने सोचा कि कोई खेत बटाई लेते हैं, उसमें सब्जियां उगाएंगे। और इन्होंने सब्जियों की खेती शुरू कर दी पर जब सब्जियों को लेकर मार्किट में जाते, अच्छा रेट नहीं मिलता और इस व्यवसाय में भी कोई फायदा नहीं हुआ। फिर कृष्णा ने अपने पति से बोला कि मेरी दादी गाजर, गोभी और भी अन्य सब्जियों का बहुत अच्छा अचार बनाती हैं। आप भी मेरी ट्रेनिंग करवा दो, कहीं से मैं भी अचार बनाऊंगी। फिर कृष्णा ने कृषि विज्ञान केंद्र उजवा में पूसा संस्थान से अचार, मुरब्बे जैसी चीजों को बनाने की ट्रेनिंग ली और अचार बनाना शुरू कर दिया।
कृष्णा यादव की सफलता की कहानी
कृष्णा ने अब अचार बनाना तो शुरू कर दिया था पर चीज बनाने से ज्यादा मुश्किल होता है उसे बेचना। फिर इन्होंने सड़क किनारे एक छोटा सा टेबल रखकर बेचना शुरू किया, पर अचार के लिए कोई नहीं रुक रहा था। फिर इन्होंने ताज़ा हरी सब्जियां और फल भी रखना शुरू कर दिया, जिसके वजह से लोग रुकते थे और थोड़ा-थोड़ा करके अचार की बिक्री भी शुरू हो गई। पर कहते हैं न, अगर चीज अच्छी होगी तो ग्राहक खुद आएंगे। फिर इनके ग्राहकों ने बोला, “आपका अचार बहुत अच्छा है, आप इसकी पैकिंग शुरू कर दो, हम विदेशों में भेजेंगे।” ऐसी बहुत सारे सुझाव सुनने के बाद इन्होंने अपनी खुद की कंपनी रजिस्टर कराई और वहां से शुरुआत हुई “श्री कृष्णा पिकल कंपनी” की, जिसमें अचार के साथ-साथ तेल, मसाले जैसी चीजें भी बेचना शुरू कर दिया।
आज ये 150 से ज्यादा किस्म के अचार बनाते हैं। और इनके अचार सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों तक जाते हैं। कृष्णा यादव को कई सारे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें से “नारी शक्ति पुरस्कार” भी एक है। आज इनकी कंपनी में लगभग हजारों लोग काम करते हैं, जिनमें 150 से ज्यादा महिलाएं हैं जो अचार और अन्य उत्पाद बनाती हैं। कृष्णा पिकल कंपनी की सालाना टर्नओवर 5 करोड़ से ज्यादा है।
अचार व्यवसाय की शुरुआत कैसे करें
जैसा कि हमने कृष्णा की कहानी से सीखा, अचार बिजनेस करने के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है अचार का स्वाद और मार्केटिंग। अचार एक ऐसी चीज है जो हमारे देश के लगभग सभी घरों में पाई जाती है। हमारे देश में अचार का मार्केट साइज 4500 करोड़ से ज्यादा है। और इसमें ज्यादा तर हिस्सा छोटे व्यापारियों के पास है मतलब इसमें बड़ी कंपनियां कम हैं और लोकल विक्रेता ज्यादा हैं। तो इससे आप इसकी डिमांड का अंदाजा तो लगा सकते हैं। अब अगर बात करें अचार बनाने की, तो उसके लिए आप साफ-सफाई और प्राकृतिक तरीके से अचार बनाते हैं, तो उसका स्वाद आपको बाजार में बिक रहे अचारों से अलग बनाएगा और लोगों को पसंद आएगा।
अचार बनाने के लिए जरूरी बातें
अचार के व्यवसाय शुरू करने के लिए न हमें किसी ऑफिस की जरूरत है और ना ही किसी बड़े फैक्ट्री की। अचार के बिजनेस की शुरुआत आप अपने घर से ही कर सकते हैं। इसके लिए हमेशा ताज़ा फल और सब्जियों का इस्तेमाल करें और उच्च गुणवत्ता का अचार बनाएं जो आपको बाकी कंपनियों से अलग बनाए।
अचार के व्यवसाय के लिए कितना निवेश लगेगा?
इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए बहुत बड़े निवेश की जरूरत नहीं है। फिर भी अगर आप इसे एक व्यवसाय की तरह बड़े स्तर पर करना चाहते हैं और इंटरनेट द्वारा पूरे देश में बेचना चाहते हैं, तो कम से कम पैसे में यानी 20,000 से भी शुरू कर सकते हैं।
अचार की पैकिंग और ब्रांडिंग कैसे करें?
व्यवसाय के शुरुआत में बहुत ज्यादा पैसे खर्च न कर के आप बाजार से पारदर्शी पैकेट लेकर आप उसमें अपना अचार पैक कर सकते हैं। तथा ब्रांडिंग के लिए उसपर अपने व्यवसाय के नाम और विवरण के साथ एक स्टीकर लगा सकते हैं, जिसकी लागत बहुत कम आती है। शुरुआत करने के लिए यह अच्छा कदम हो सकता है।
व्यवसाय के ब्रांडिंग के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
किसी भी उत्पाद या व्यवसाय के ब्रांडिंग का मतलब है बाजार में अपने उत्पाद की अलग पहचान। इसलिए ब्रांडिंग करते समय एक आसान सा नाम जो लोगों को आसानी से याद हो जाए और बाजार में उस नाम की कोई दूसरी कंपनी ना हो। साथ ही नाम के अनुसार अपने व्यवसाय का लोगो भी बनाएं जो कंपनी की अलग पहचान बनाती है। और अगर आप अपने व्यवसाय को भविष्य में बहुत बड़ा बनाने की सोच रखते हैं, तो अपने व्यवसाय के नाम को ट्रेडमार्क करवाने के साथ-साथ उस नाम के सोशल मीडिया हैंडल और वेबसाइट डोमेन जरूर ले लें। यह आपको भविष्य में आने वाली दिक्कतों को कम करता है और आपके ब्रांड की पहचान को बचाता है।
इंटरनेट पर अचार को कैसे बेचें?
अपने सामान को ऑनलाइन बेचने के लिए एक सही प्लेटफार्म चुने जैसे “Amazon, Flipkart, Blinkit, Zepto” इनमें से किसी भी मार्केटप्लेस पर अपना सेलर खाता बनाएं और अपने सामान की फोटो और जानकारी के साथ अपने प्रोडक्ट की लिस्टिंग कर दें। इससे यह लोगों को दिखने लगेगा और जिन्हें आपका अचार पसंद आएगा, वे इसे इंटरनेट के माध्यम से अचार आर्डर करेंगे। फिर आप पैक कर के भेज सकते हैं और पैसे आपके बैंक खाते में आते रहेंगे।
ऑनलाइन बेचने के लिए जरूरी दस्तावेज
अचार को ऑनलाइन बेचने के लिए जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे है:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक खाता
- जीएसटी सर्टिफिकेट
- एफएसएसआई लाइसेंस
निष्कर्ष
कृष्णा यादव की प्रेरणादायक कहानी इस बात का जीता-जागता प्रमाण है कि कठिनाइयों का सामना कर के और सच्ची मेहनत से किस तरह से एक सफल व्यवसाय बनाया जा सकता है। उन्होंने 500 रुपये से शुरुआत करके न केवल अपनी कंपनी बनाई, बल्कि हजारों लोगों को रोजगार भी दिया। आज उनकी कंपनी श्री कृष्णा पिकल ने अचार के क्षेत्र में अपना नाम तो बनाया ही साथ ही कृष्णा को कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है।
मेरा नाम ज्योतिष पाण्डेय है। मैं इस ब्लॉग ‘व्यापार योजना’ का लेखक और संपादक हूँ। मैंने स्नातकोत्तर तक शिक्षा प्राप्त की है और व्यवसाय में 7 साल से अधिक का अनुभव तथा गहरी रुचि है। साथ ही, मैं सरकारी योजनाओं पर सटीक रिसर्च कर जानकारी साझा करता हूँ। बतौर लेखक मुझे 10 साल से अधिक का अनुभव है।
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